I will kill him tonight. A person who has never done any wrong. I will crush him quick, and drain him dry. He has longed for this day, and for so long. His sin was he loved, he cared. Now he will be thumped for this, and dazed. I tried to stall him, as for this, he was to be slayed. Salvation will be hurled upon him, as his arrogance always prevailed. Enacting the hangman, I will carry the death to him. But the sinner resides in my own soul, hence I will, solely, be the victim.
लफ्ज़ों के सहारे अक्सर मुशायरे जीत लिया करते थे पर अब तो जैसे खंडहरों का बुत हो गया हूँ मैं, शायरी भूल गया हूँ मैं। यूँ तो हमने लोगों से हमेशा ही नज़रें चुराईं थी लेकिन दीदार-ए-दुनिया से नफरत का अब आलम और है घर से सिर्फ मस्ज़िद तक ही चहलकदमी हुआ करती थी पहले पर अब तो जैसे वो रास्ता भी भटक गया हूँ मैं, शायरी भूल गया हूँ मैं। बना के खुदा तुझे, खुद तेरे आगे नाचीज़ हो गया ये बोल के एक दिन खुदा से भी उलझ बैठा यूँ तो ज़िंदादिली इतनी थी के जहन्नुम में मुस्कुराते शायद पर अब तो जैसे साँसें भुलाने में मशगूल हो गया हूँ मैं, शायरी भूल गया हूँ मैं।